Wednesday, 4 December 2019

निर्भया

इंसान इतना कैसे बद्तर होते जा रहे है ।
समझ और भावनाए कहा चली गई है ?
ये कैसी बीस वी सदी है ? 
जहां एक इंसान को दूसरे से खतरा है, जहां औरत को सुरक्षा देने की बात बोली जाती हैं । कौन सुरक्षा देगा , पुरुष ! जिस से उसे खतरा हैं । हम किस दिशा में जा रहे हैं क्या इस मानव समाज का नैतिक पतन हो गया है ?

कितनी निकृष्ट और सरमसार करने वाली घटना है । 
यह नारियों की पूजा करने वाला देश है । दुःख होता हैं सोच कर के भी । भावना से आंखे नम है, और लाल भी । डूब मरना चाहिए जबरदस्ती करने की एक मानव   (दरिन्दा) सोच भी कैसे सकता है । ओह... तुम मानव तो नहीं हो सकते। यह कैसा इंसाफ़ है  जो जो मरने के बाद मिलता है । इंसाफ़ तो जीवित इंसान के लिये होता है ना !

 ये रेप और जलाकर फेंक देना ये मानव की हरकत नहीं हो सकती ये दरिंदो की हरकत है तो सजा भी दरिंदों वाली हो। 

मोमबत्ती की जरूरत नहीं है सर ! सपथ की जरूरत है  ।बदल ने की जरूरत है समाज, सोच और मानसिकता को ताकि समाज में मानव पैदा हो देरिंदा नहीं ताकि इन घटनाओं का दोहरान ना हो ।

सरकार जीतना कानून बनाने में ऊर्जा लगाती हैं उतना उसे सही से लागू करने में भी लगाए इस खराब कानून तन्त्र की भी जिम्मेदारी है जो हमेशा लाचारियों की चादर ओढ़े रहती है। यह तन्त्र उन दरिंदो की हिम्मत और बढ़ाता है।

 बाकि ये घटनाएं होती आ रही है ये अदालते लगती आ रही हैं । बहुत कुछ बदलना चाहिए जो अौरत को भी बिना भय का संसार दे सके । विश्व की पचास प्रतिसत जनसंख्या निडर होकर खुले आकाश की स्वछन्द हवा में श्वास ले सके।

Monday, 25 November 2019

motivation

किसी से  गुस्सा हैं , कुछ उसे दिखाना चाहते है , उस समय जो गुस्सा आता है तो क्या करते हो । ख़ून तो बहुत उबाल लेता है पर क्या करे कुछ कर भी तो नहीं सकते । कुछ करने के लिए ओकात चाहिए। अोकात कुछ करने से आती हैं बैठे बैठे नहीं। 

ख्वाब मत पालिए, जुनून पालिए।
सारे क्वेशचन एक बार में हल जो जायेंगे। नहीं हो तो जुनून जब रखो तब तक जिंदा हो क्योंकि जिंदा हो तो जिंदा रहो भी।

Friday, 26 July 2019

कितनी ममता , कितना प्यार

डियर मम्मी, यह निशि्त है कि मां सा प्रेम करने वाला ब्रमाण्ड मे कोई ओर है ही नहीं और न तुम्हारे प्रेम की किसी से तुलना करने का मेरा सामर्थ्य है तुम्हारा प्रेम परमात्मा है | यूहीं न मेरे ममत्व की तुलना अपने प्रेम से किया करो |
हार किसी की भी हो , हारेगा प्रेम ही |

मेरा प्रेम बँटा नहीं , तुम तो जानती हो तुम जितना मेरे को प्रेम करती हो उतना ही पापा से भी प्रेम करती हो और मेरे जन्म से पूर्व ही उतना ही करती थी | जो कुछ बँटा है वो दरअसल प्रेम नहीं वो समय है |

प्रेम संपूर्ण है और इसे पैदा होने के बाद मृत्यु तक कोई नहीं बाँट सकता है|

Wednesday, 10 July 2019

ज़ुनून

डियर पापा , बहुत सी चीजें चुभ गई है | वादा है हर सेंकड़ और सैकड़े का हिसाब किया और दिया जायेगा | सटक गई है...2020 ...

लव यू पापा ... आप जान हो मेरी |